Friday, March 1, 2019

भ्रूणविज्ञान ( Embryology )

 के अंतर्गत अंडाणु से लेकर शिशु के जन्म तक जीव के उद्भव एवं विकास का वर्णन होता है। अपने पूर्वजों के समान किसी व्यक्ति के निर्माण में कोशिकाओं और ऊतकों की पारस्परिक क्रिया का अध्ययन मतलब Embryology,  स्त्री के अंडाणु का पुरुष के शुक्राणु द्वारा निषेचन होने के पश्चात जो क्रमबद्ध परिवर्तन भ्रूण से पूर्ण शिशु होने तक होते हैं, वे सब इसके अंतर्गत आते हैं, तथापि भ्रूणविज्ञान के अंतर्गत प्रसव के पूर्व के परिवर्तन एवं वृद्धि का ही अध्ययन होता है। 

Chromosome के आंतरिक घटक, अर्थात Gene जो गर्भ के पश्चात भ्रूण में रहते हैं, यदि उनको अनुकूल वातावरण प्राप्त होता है, तो वे विकास की दर एवं स्वरूप का नियंत्रण करते हैं।

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